तेरी दुनिया से उठ गयी खुदाई है, सब आया बस कयामत ही नहीं आयी है

तेरी दुनिया से उठ गयी खुदाई है, सब आया बस कयामत ही नहीं आयी है जहाँ से चलेथे वहीँ आज पहुंचे, शहर-शहर गली-गली रुसवाई ही रुसवाई है है भीड़ में अकेले, अकेले में एकाकी, हर तरफ बस तनहाई ही तनहाई है …

स्वप्न स्थान (Dreamscape)

एक ऐसी जगह पर जाता है मन जो दूर नहीं पर पास भी ना हो जहाँ आग सी तपती रेत पर एक शीतलता सी भिछ्ती हो जहाँ दूर दूर तक तरु नहीं पर छाव हमेशा मिलती हो जहाँ प्यास बुझाने को …

जो लहर आएगी, कुछ देकर ही जाएगी

In these turbulent times, I was reminded of a poem I wrote a long time ago but find it relevant even today. I hope you all will find it inspiring. प्रकृति के नियम को निर्विवाद निभाएगी, जो लहर आएगी, कुछ …

फसाद (Riots)

एक दर्द भरी पुकार कोई देता है, हम खड़े खड़े यह सोचते हैं यह कौन बुलाता जाता है, हम कौन इसके लगते है वह रक्त में है लतपत, हमे इससे क्या है मतलब हो खून या हो पानी, अपनी तो …

Hope

Melancholy, unhappiness, and sorrow; will fly by in the face of tomorrow, Gone will be the winter of gloom and despair; and the heavens will bring forth a breath of fresh air, Go my beloved and I hope that you …

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