तेरी दुनिया से उठ गई खुदाई है, सब आया बस कयामत ही नहीं आई है
जहां से चलेथे वहीं आज पहुंचे, शहर-शहर गली-गली रुसवाई ही रुसवाई है
है भीड़ में अकेले, अकेले में एकाकी, हर तरफ बस तनहाई ही तनहाई है
तेरी दुनिया से उठ गई खुदाई है, सब आया बस कयामत ही नहीं आई है
अरसा बीत गया चांद को देखे, तुझे न देखने की कसम जब से खाई है
वफ़ादारी में हम हो गए और भी पक्के, असर कर गई इतनी तेरी बेवफाई है
सबकी आंखों का पानी भी सूख गया, अपनी आंखों में आंसू देखकर हंसी आई है
तेरी दुनिया से उठ गई खुदाई है, सब आया बस कयामत ही नहीं आई है
आज़ादी की कीमत क्या होती है उनसे पूछो, सरहद पर जाने जिनने लुटाई है
मिले तन मिट्टी में, धरती में लहू, सबसे सच्ची यही रुबाई है
तेरी दुनिया से उठ गई खुदाई है, सब आया बस कयामत ही नहीं आई है
मय हाथ में थी मरते दम तक, सबने छोड़ दिया बस ये हमें न छोड़ पाई है
कंधा देने के लिए था नहीं कोई, चला कर कब्र तक ले आई है
दुनिया में मिसाल करदी कायाम, सबसे सच्ची दोस्ती इसीने निभाई है
तेरी दुनिया से उठ गई खुदाई है, सब आया बस कयामत ही नहीं आई है